गृह मंत्रालय की मॉक ड्रिल: पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ने पर तैयारी

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर सभी राज्यों से 7 मई को ‘मॉक ड्रिल' आयोजित करने को कहा है। इस 'मॉक ड्रिल' के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन, नागरिकों को 'किसी भी हमले' की सूरत में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना और बंकरों एवं खाइयों की साफ-सफाई शामिल है।
हवाई युद्ध सायरन का इतिहास युद्धों और आपातकालीन चेतावनी प्रणालियों से जुड़ा हुआ है। 1799 में स्कॉटिश वैज्ञानिक जॉन रॉबिसन ने सायरन का आविष्कार किया था, लेकिन तब तक इसे सायरन नाम नहीं दिया गया था। 1819 में फ्रांसीसी अभियंता बैरन चार्ल्स कैग्नार्ड डे ला टूर ने इसे सायरन नाम दिया था। भारत में हवाई युद्ध सायरन का पहला उपयोग 1962 में हुआ था, जब भारत-चीन युद्ध के बाद नागरिकों को हवाई हमलों से सचेत करने के लिए एयर राइड प्रीकॉशन (APR) प्रणाली की शुरुआत की गई थी।
नोएडा के विधायक पंकज सिंह ने कहा कि अब आतंकवादियों और उन्हें संरक्षण देने वाले देश पाकिस्तान पर करारा प्रहार होगा। उन्होंने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि मॉक ड्रिल के माध्यम से किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्हें तैयार किया जा रहा है जो कि जरूरी है।' कानपुर सांसद रमेश अवस्थी ने कहा, 'पीएम मोदी ने कहा है कि आतंकियों ने जिन निर्दोष लोगों की हत्या की है, उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी। पाकिस्तान को ऐसा करारा जवाब दिया जाएगा कि देश ही नहीं, बल्कि दुनिया देखेगी। इसलिए यह मॉक ड्रिल हो रहा है। पाकिस्तान के खिलाफ बहुत जल्द ही बड़ी कार्रवाई होगी।'
उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में मॉक ड्रिल होगी। यह मॉक ड्रिल पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर की जा रही है, जिसमें नागरिकों को सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना और बंकरों एवं खाइयों की साफ-सफाई शामिल है।
गृह मंत्रालय की मॉक ड्रिल के माध्यम से नागरिकों को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है। यह मॉक ड्रिल पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर